कोलकाता । पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा है कि अपराजिता बिल ममता सरकार के कारण पेंडिंग है। ममता सरकार ने बिल के साथ तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजी है। रिपोर्ट के बिना बिल को मंजूरी नहीं मिल सकती।
राजभवन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि ममता सरकार के रवैये से गवर्नर बोस नाराज हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिल को लेकर ममता सरकार ने कोई होमवर्क नहीं किया। राज्य सरकार पहले भी ऐसा करती रही है। विधानसभा से पास हुए कई बिल की टेक्निकल रिपोर्ट राजभवन नहीं भेजी जाती है। इससे बिल पेंडिंग होते हैं, जिसका इल्जाम ममता राजभवन पर लगाती है। दरअसल, विधानसभा से पास होने के बाद बिल को राज्यपाल के पास भेजा गया है। यहां से पास होने के बाद बिल राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, जहां से मुहर लगने के बाद यह कानून में बदल सकेगा।
गवर्नर बोस ने अपराजिता बिल को आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के बिल का कॉपी-पेस्ट बताया। गवर्नर के मुताबिक, इस तरह के बिल प्रेसिंडेट के पास पहले से पेंडिंग हैं। ममता सरकार सिर्फ राज्य के लोगों को धोखा देने के लिए धरना-प्रदर्शनों में भाग ले रही है, क्योंकि उन्हें भी पता है कि इसतरह के बिल राष्ट्रपति के पास पेंडिंग पड़े हैं।