अनुच्छेद 370 इतिहास है , यह कभी वापस नहीं आएगा और हम ऐसा…

पिछली सरकारों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति से निपटने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति अपनाई: अमित शाह

केन्द्रीय मंत्री शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घाेषणापत्र किया जारी

प्रदेश का इतिहास जब भी लिखा जाएगा तो 2014 से 2024 का समय सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा: अमित शाह

जम्मू। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है। शाह ने कहा कि सभी सरकारों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति से निपटने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति अपनाई। हालांकि जब भी भारत और जम्मू-कश्मीर का इतिहास लिखा जाएगा तो वर्ष 2014 से 2024 के बीच का समय सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर का मुद्दा हमारी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है और हमने हमेशा इस क्षेत्र को भारत के साथ रखने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पंडित प्रेम नाथ डोगरा के संघर्ष से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान तक इस संघर्ष को पहले जनसंघ और फिर भाजपा ने आगे बढ़ाया क्योंकि हमारा मानना है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने क्षेत्र में आतंकवाद और अलगाववाद के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को भी संबोधित किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रदेश प्रधान रविंद्र रैना और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र और उसके सहयोगी कांग्रेस के मूक समर्थन पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 इतिहास है , यह कभी वापस नहीं आएगा और हम ऐसा नहीं होने देंगे। अनुच्छेद 370 वह चीज थी, जिसने युवाओं के हाथों में हथियार और पत्थर दिए। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले यहां डेमोक्रेसी तीन परिवारों में ही सीमित होकर रह गई थी। न पंचायत चुनाव होते थे, न तहसील पंचायतें बनती थीं, न जिला पंचायतें होती थीं। भाजपा की सरकार ने ग्राम पंचायत, तहसील पंचायत, जिला पंचायत और म्यूनिसिपलिटी का चुनाव कराकर पंचायती राज को बहाल करने का काम किया है और लोकतंत्र को स्थापित किया है।

गृह मंत्री ने कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि आप देश और जम्मू-कश्मीर की जनता के सामने स्पष्ट करिए, आपके मौन धारण करने से कुछ नहीं होगा। क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडा के साथ कांग्रेस पार्टी सहमत है या नहीं? आप हां या न में जवाब दीजिए।

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