अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को चुकाने होंगे 8000 करोड़ रुपए

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी से जुड़े अपने ही तीन साल पुराने उस फैसले को दरकिनार कर दिया। इसमें दिल्ली मेट्रो के साथ विवाद में अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट ने कंपनी को पहले ही मिल चुके लगभग 2,500 करोड़ रुपये को वापस वसूल करने के लिए कहा। साथ ही माना कि पिछले फैसले के कारण न्याय नहीं हो सका था।

वर्ष 2021 के फैसले के खिलाफ दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की क्यूरेटिव पिटिशन को अनुमति देते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ का आदेश एक सुविचारित निर्णय था। साथ ही माना कि सुप्रीम कोर्ट के लिए इसमें हस्तक्षेप करने का कोई वैध आधार नहीं था. 

नहीं हो सका था न्याय
पीठ ने कहा कि इस न्यायालय की दो-जजों की पीठ के फैसले में न्याय नहीं हो सका। शीर्ष अदालत ने कहा कि खंड पीठ के फैसले को रद्द करते हुए इस अदालत ने एक स्पष्ट रूप से अवैध आदेश को बहाल कर दिया। इसने एक सार्वजनिक इकाई पर अत्यधिक दायित्व थोप दिया। मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसरण में डीएमआरसी द्वारा रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म को भुगतान की गई राशि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को वापस करनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कैंसिल किया था हाईकोर्ट का ऑर्डर
शीर्ष अदालत ने 9 सितंबर, 2021 को डीएमआरसी के खिलाफ लागू होने वाले 2017 के मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था। इसने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को कैसिंल कर दिया था। मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसार, रियायत समझौते के संदर्भ में 2782.33 करोड़ रुपये और ब्याज का हकदार था। 14 फरवरी 2022 तक यह रकम बढक़र 8,009.38 करोड़ रुपये हो गई।

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