
शिमला, 17 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह द्वारा बरमाणा और दाडलाघाट में अपने दो सीमेंट संयंत्रों को उच्च परिवहन लागत का हवाला देते हुए बंद करने का असर राज्य के विकास कार्यों पर पड़ने लगा है। दोनों संयंत्रों को अचानक बंद करने के कंपनी प्रबन्धन के फैसले से प्रदेश के सरकारी व निजी क्षेत्र में सीमेंट का संकट पैदा हो गया है। राज्य की कांग्रेस शासित सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस कदम पर नाराजगी जताते हुए अडानी समूह से जवाबतलबी की है।
दोनों बड़े संयंत्रों में सीमेंट उत्पादन बंद होने से सरकारी नोडल एजेंसी खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकांश सीमेंट के गोदाम खाली हो गए हैं। निगम को एसीसी और अंबुजा संयंत्रों से सीमेंट की आपूर्ति होती है। अब ये आपूर्ति रुकने से प्रदेश में सैकड़ों प्रोजेक्टों का काम ठप पड़ गया है। प्रदेश में इस समय लोकनिर्माण विभाग के 150 छोटे-बड़े प्रोजेक्टों का काम चल रहा है। इनमें मिनी सचिवालय, पुल, सड़कें, इंजीनियरिंग कॉलेज, स्कूल, आईटीआई, अस्पताल आदि कार्य शामिल हैं। सरकार अब अल्ट्राटेक कंपनी से सीमेंट की आपूर्ति करने की कोशिश कह रही है।
खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक केसी चमन ने बताया कि प्लांट बंद होने से सीमेंट की मांग बढ़ी है। प्रदेश में निगम के 118 से ज्यादा सीमेंट के गोदाम हैं। कई गोदामों में सीमेंट नहीं है। सीमेंट प्लांट बंद होने का असर निजी भवनों के निर्माण कार्य पर भी पड़ रहा है।
दोनों सीमेंट संयंत्रों के एक साथ बंद होने से इन संयंत्रों के आसपास के लोगों की आजीविका न केवल प्रत्यक्ष बल्कि अप्रत्यक्ष रोजगार के रूप में भी प्रभावित हो रही है। इन सीमेंट संयंत्रों में न केवल स्थानीय लोग कार्यरत हैं, बल्कि कई ट्रक परिवहन में लगे हुए हैं।
इस बीच राज्य सरकार ने बिना सूचना दिए अपने दोनों संयंत्र बंद करने पर अडानी समूह को नोटिस जारी किया है। उद्योग विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस में कंपनी से कहा गया है कि बिना किसी पूर्व सूचना के संयंत्र बंद करना नियमों का उल्लंघन है। संयंत्र बंद कराने के बारे में न तो सरकार को और ही स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि सरकार ने कंपनी को जमीन सहित अन्य सुविधाएं दी हैं और ऐसे में कंपनी तरह एक एकाएक ऐसा फैसला नहीं ले सकती। कंपनी के फैसले से हजारों लोगों का भविष्य जुड़ा हुआ है और संयंत्र बंद करने का फैसला एक तरफा है। यह राजस्व, परिवहन, उद्योग और श्रम नियमों का सरासर उल्लंघन है, ऐसे में क्यों ने इसके लिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
बता दें कि अडानी समूह के बरमाणा और दाड़लाघाट के संयंत्र हिमाचल प्रदेश के कुल सीमेंट उत्पादन का पचास फीसदी से ज्यादा सीमेंट तैयार करते हैं। हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्यों और अन्य राज्यों में भी यहां से सीमेंट की आपूर्ति की जाती है।
अंबुजा सीमेंट के दाड़लाघाट स्थित संयंत्र में एक वर्ष में दो मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन होता है। रोजाना पांच से छह हज़ार मीट्रिक टन उत्पादन होता है। इसी तरह बरमाणा स्थित एससी सीमेंट संयंत्र पांच हजार मीट्रिक टन सीमेंट उत्पादन हर दिन कर रही थी। संयंत्र की क्षमता 15 हजार मीट्रिक टन सीमेंट और क्लींकर उत्पादन करने की है।