-एचएएल ने पिछले माह लड़ाकू विमान की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की थी
नई दिल्ली । स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (एलसीए) के मार्क 1ए का पहला विमान जुलाई माह तक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा भारतीय वायुसेना को सौंपा जा सकता है। इस विमान को पहले फरवरी-मार्च में वायुसेना को सौंपा जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई है।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल ने हाल ही में लड़ाकू विमान तेजस की समीक्षा की है और अब इसे जुलाई 2024 तक वायुसेना को सौंपने की उम्मीद जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि एचएएल ने पिछले महीने लड़ाकू विमान की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की थी और वायुसेना को सौंपने से पहले कई परीक्षणों को भी पूरा किया जाएगा। इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को शामिल करना रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद एलसीए मार्क 1ए परियोजना की परिकल्पना की गई थी। पहले ही 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपए का एक ऑर्डर दिया जा चुका है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 97 विमानों के लिए 65,000 करोड़ रुपए का एक और ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय ने पहले ही एचएएल को 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1ए खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। यह टेंडर भारत सरकार द्वारा स्वदेशी सैन्य उपकरणों के लिए दिया गया अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य भारतीय वायुसेना के मिग-21, मिग-23 और मिग-27 विमानों के बेड़े को बदलना है। रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय दोनों के समर्थन से स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम से स्वदेशीकरण के प्रयासों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और देशभर में रक्षा क्षेत्र में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों को पर्यावरण व्यापार के अवसर प्रदान करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश भर में रक्षा क्षेत्र में लगे छोटे और मध्यम उद्योगों को ज्यादा व्यवसाय देने के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा।