
प्रयागराज (हि.स.)। उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के 907 सहायक प्रोफेसर पद की भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट अगली सुनवाई दो मई को करेगा। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आयोग के अध्यक्ष व एक सदस्य का पद खाली होने से कोरम न पूरा होने के कारण चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या सरकार आयोग के खाली पदों को भरेगी अथवा कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने जा रही है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने महेंद्र सिंह व तीन अन्य की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि आयोग की नियमावली 1983 के नियम-3 के खण्ड-3 के अनुसार आयोग के दो सदस्यों से कोरम पूरा माना जाएगा और खण्ड-4 के अनुसार चेयरमैन की अनुपस्थिति में वरिष्ठ सदस्य द्वारा बैठक की अध्यक्षता करने की व्यवस्था है। ऐसे कानूनी प्रावधान के रहते मात्र कोरम के अभाव में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार न कराना मनमानापन है। कहा गया है कि लिखित परीक्षा न कराया जाना 90 हजार अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ है और जीविका के अधिकार का हनन है। फिलहाल सुनवाई जारी है।दो मई को पुनः सुनवाई होगी।