नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने गुरुवार को केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों और विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया। दोनों मेप्पडी में सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गए और विनाशकारी भूस्खलन से प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता दर्शाई। इसके अलावा उन्होंने स्थिति का आकलन करने और सहायता की पेशकश करने के लिए मेप्पडी ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज वह वैसा ही महसूस कर रहे हैं जैसा उन्होंने अपने पिता के निधन पर किया था। यहां लोगों ने सिर्फ पिता नहीं, बल्कि पूरा परिवार खो दिया है। पूरे देश का ध्यान वायनाड पर केंद्रित है।
राहुल गांधी ने भूस्खलन की घटना को वायनाड, केरल और देश के लिए एक भयानक त्रासदी बताया। उन्होंने कहा कि वे स्थिति का आकलन करने आये हैं। यह दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है। हम मदद करने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि बचे लोगों को उनका वाजिब हक मिले। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने पूरा दिन पीड़ितों से मिलने में बिताया। यह बहुत बड़ी त्रासदी है। हम यहां यथासंभव सुविधाएं और सहायता प्रदान करने के लिए हैं। हिमाचल प्रदेश में भी ऐसी ही त्रासदी हुई है। कल हम बैठक कर आगे कैसे सहायता दी जा सकती है, इसकी रूपरेखा तैयार करेंगे। विशेषकर अनाथ हो चुके बच्चों की।
राहुल गांधी ने 2019 और 2024 के आम चुनाव में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। इसबार वे उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से भी जीतें हैं, जिसके कारण उन्होंने वायनाड निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया है। अब इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रियंका के चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा सुबह साढ़े नौ बजे कन्नूर हवाईअड्डे पर उतरे और फिर सड़क मार्ग से वायनाड पहुंचे। कांग्रेस महासचिव और अलाप्पुझा के सांसद केसी वेणुगोपाल भी उनके साथ हैं।
मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने वायनाड की मुंडक्काई, चूरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को प्रभावित किया। मुंडकई, चूरालमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों में मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन से अबतक महिलाओं और बच्चों समेत 173 लोगों की मौत हो गई है।