रक्षा मंत्रालय के लिए क्रांतिकारी सुधारों का साल रहा 2022, कई योजनाएं परवान चढ़ीं

– ‘मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप रक्षा निर्यात बढ़ाया गया

नई दिल्ली (हि.स.)। रक्षा मंत्रालय के लिए 2022 क्रांतिकारी सुधारों का साल साबित हुआ। इस साल सेना को युवा, आधुनिक और ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। ‘मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप वैश्विक शांति और समृद्धि के सामूहिक लक्ष्य हासिल करने के लिए रक्षा निर्यात बढ़ाने के निरंतर प्रयास किये गए। कई देशों ने भारतीय प्लेटफार्मों में गहरी रुचि दिखाई, जिससे रक्षा निर्यात का रिकॉर्ड बना। सीमा क्षेत्र विकास, नारी शक्ति, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का विस्तार और युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए नए सैनिक स्कूलों की स्थापना नए सिरे से आगे बढ़ी।

सेना को युवा बनाने के लिए अग्निपथ योजना

सरकार ने सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए जून में अग्निपथ योजना शुरू की, जिससे अग्नि वीरों को चार साल की अवधि के लिए देश की सेवा करने की अनुमति मिली। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में होने वाली भर्ती के लिए आकर्षक मासिक पैकेज और एक बार ‘सेवा निधि’ पैकेज शामिल है। अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में 37.09 लाख, भारतीय नौसेना में 9.55 लाख और भारतीय वायु सेना में 7.69 लाख पंजीकरण किये गए हैं। अग्नि वीरों को बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ शीघ्र प्रशिक्षण शुरू करने की तैयारी है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की मिसाल आईएनएस विक्रांत

इसी साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत नौसेना के बेड़े में कमीशन किया। 76 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ, 262.5 मीटर लंबा और 61.6 मीटर चौड़ा जहाज अत्याधुनिक उपकरणों/प्रणालियों से लैस है, जिसे लगभग 1,600 अधिकारियों और नाविकों के चालक दल के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मिग-29के फाइटर जेट्स, कामोव-31, एमएच-60आर मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों से युक्त 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम है।

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर में लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है। यह देश का पहला स्वदेशी मल्टी रोल हेलीकॉप्टर है, जिसमें शक्तिशाली ग्राउंड अटैक और हवाई युद्ध क्षमता है। ऑनबोर्ड एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम, नजदीकी मुकाबले के लिए बनाई गई बंदूकें और शक्तिशाली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें एलसीएच को आधुनिक युद्ध के मैदान के लिए विशेष रूप से अनुकूल बनाती हैं। यह उच्च ऊंचाई वाले इलाकों से संचालित करने और उच्च ऊंचाई वाले लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करने में सक्षम है।

इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन

स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) मार्क-III का संचालन करने के लिए इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन 325 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया है। भारतीय नौसेना में स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) मार्क-III के लिए कमीशन की गई यह दूसरी स्क्वाड्रन है। अत्याधुनिक मल्टी रोल हेलीकॉप्टर का विकास और निर्माण एचएएल ने किया है। यह हेलीकॉप्टर उन्नत राडार के साथ-साथ इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर, शक्ति इंजन, फुल ग्लास कॉकपिट, हाई-इंटेंसिटी सर्च लाइट, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित पहचान प्रणाली के साथ-साथ खोज-उपकरण सहित अत्याधुनिक उपकरण से लैस हैं।

मिसाइल डेस्ट्रॉयर, फ्रिगेट्स

रक्षा मंत्री ने मई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड, मुंबई में भारतीय नौसेना के दो फ्रंटलाइन युद्धपोत ‘सूरत’ और ‘उदयगिरि’ लॉन्च किए। ‘सूरत’ प्रोजेक्ट 15-बी वर्ग का चौथा स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है, जबकि ‘उदयगिरि’ प्रोजेक्ट 17-ए वर्ग का दूसरा स्टील्थ फ्रिगेट है। प्रोजेक्ट 15 बी वर्ग के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक हैं। प्रोजेक्ट 17-ए फ्रिगेट्स युद्धपोत हैं जो शिवालिक क्लास के फॉलो-ऑन वर्ग के फ्रिगेट्स हैं, जिनमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं। प्रोजेक्ट 15 बी का दूसरा जहाज मोरमुगाओ नवंबर में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था, जबकि प्रोजेक्ट 17-ए का पांचवां स्टील्थ फ्रिगेट ‘तारागिरी’ सितंबर में लॉन्च किया गया।

सी-295 परिवहन विमान प्लांट

प्रधानमंत्री ने अक्टूबर में गुजरात के वडोदरा में सी-295 परिवहन विमान निर्माण के लिए प्लांट की आधारशिला रखी। इस प्लांट में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के सहयोग से भारतीय वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमानों का निर्माण किया जायेगा। यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें निजी कंपनी भारत में सैन्य विमान का निर्माण करेगी। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। अनुबंध के अनुसार 40 विमान वडोदरा प्लांट में निर्मित किए जाएंगे, जबकि 16 विमान फ़्लाइंग मोड में स्पेन से आएंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

सर्वदलीय मंडल की 3 टीमों को किया गया ब्रीफ भारतीय सेना ने इन पाक चौकियों का मिटाया नामो-निशां Viral Video : क्यों चलती बाइक पर प्रेमिका ने प्रेमी को चप्पल से पीटा ये हैं डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए बेस्ट जगह हाइ ब्लड प्रेशर को ऐसे करें कंट्रोल