
नई दिल्ली। जंतर मंतर पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों की शिकायत के बाद कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। उसके खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से एक POCSO अधिनियम के तहत दर्ज हुई है। दरअसल, 21 अप्रैल को एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन शोषण की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी, लेकिन इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी, जिसके बाद बड़े पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा उन्होंने धरने पर दोबारा बैठने का फैसला किया था। दोबारा धरना पर बैठने के 6वें दिन बृजभूषण पर एफआईआर दर्ज हुई है। अब उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को महिला पहलवानों की अपील पर सुनवाई के बाद इसे गंभीर मामला बताते हुए दिल्ली पुलिस से दो दिन में जवाब मांगा था। फिर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे।
इसके अलावा आज सुनवाई के दौरान पहलवानों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा- महिला पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और रिटायर्ड जज इस मामले की निगरानी करें। इस दलील पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।
जेल न होने तक जारी रहेगा धरना
पहलवानों ने अब पीएम मोदी से गुहार लगाई है कि बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाकर जेल भेजा जाए। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक बृजभूषण जेल नहीं जाएगा, वह धरने से उठने वाले नहीं हैं।
इस दौरान विनेश फोगाट ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाया जाए क्योंकि वह अपने पदों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। पहलवानों को अब किसी भी कमेटी या कमेटी के सदस्य पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ FIR तक नहीं है। यह लड़ाई बृजभूषण सिंह को सजा दिलाने तक जारी रहेगी।
अन्य खेलों के खिलाड़ी भी आए पहलवानों के समर्थन में
धरने पर बैठे पहलवानों के समर्थन में फिलहाल अन्य खेलों के खिलाड़ी भी आ गई है। इस बीच 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव ने विरोध करने वाले पहलवानों के लिए इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट करते हुए लिखा, “क्या इन्हें कभी न्याय मिलेगा?”
वहीं, ट्रैक एंड फील्ड में भारत को पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल जीताने वाले नीरज चोपड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत के एथलीटों को सड़कों पर न्याय की मांग करते देख उन्हें दुख हो रहा है। चोपड़ा ने आगे लिखा कि उन्होंने हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने और हमें गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
देश को ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा ने ट्वीट किया कि इस मुद्दे को ठीक से संभाला जाए, एथलीटों की चिंताओं को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से सुना जाना चाहिए. यह मामला एक उचित सुरक्षा प्रणाली की मांग कर रहा है, जो उत्पीड़न को रोक सके और प्रभावित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित कर सके.